गोमय कंडे से हुआ वैदिक होलिका दहन 

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– गौ एवं पर्यावरण संरक्षण का दिया गया संदेश
– प्राचीन भारतीय परम्परा अनुसार होलिका दहन की नई शुरूआत
– महापौर, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नगरवासी हुए शामिल


राजनांदगांव। गौमाता एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए माँ पंचगव्य चिकित्सा एवं गौरक्षा अनुसंधान केन्द्र के मार्गदर्शन में राजनांदगांव शहर के म्यूनिस्पिल स्कूल मैदान में वैदिक होलिका दहन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने अपने उद्बोधन में इस अभिनव पहल के लिए आयोजन समिति की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय और वृक्षों का बहुत महत्व है। होलिका दहन में अज्ञानतावश वृक्ष, टायर, कपड़े, मिट्टी तेल का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही वर्तमान समय में प्रकृति के साथ हो रहे अनावश्यक छेड़छाड़ से जीव जगत एवं पर्यावरण में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। गोमय कंडे से वैदिक होलिका दहन से गौमाता और वृक्षों का संरक्षण किया जा सकता है। इस आयोजन से समाज में एक सुखद संदेश जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए सात्विक वातावरणयुक्त प्राकृतिक धरोहर का संरक्षण के हर स्तर पर आगे आना ही होगा। महापौर ने सभी नागरिकों से होलिका दहन के लिए लकड़ी की जगह गोमय कंडे का उपयोग करने की अपील की।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री नीलू शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में होलिका दहन की प्राचीन परंपरा रही है। वैदिक होलिका दहन में भारतीय परंपरा के अनुसार गाय के कंडे, गौघृत, औषधीय वनस्पति का उपयोग किया गया। यह गर्व का विषय है कि राजनांदगावं शहर में प्राचीन भारतीय परम्पराओं के अनुसार होलिका दहन की शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में किसी भी त्यौहार को मनाने के पीछे परंपरा रहती है। होली भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रमुख त्यौहार है। उन्होंने वैदिक होलिका दहन के आयोजन के लिए माँ पंचगव्य चिकित्सा एवं गौरक्षा अनुसंधान केन्द्र को बधाई और शुभकामनाएं दी। आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि वैदिक होलिका दहन का तीन वर्षों से आयोजन किया जा रहा है। जिसमें शहर के नागरिकों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। वैदिक होलिका दहन का मुख्य उद्देश्य भारतीय परंपरा, पर्यावरण एवं गौमाता के प्रति नागरिकों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि प्रकृति को सहेजने और संरक्षित रखने से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है। 


माँ पंचगव्य चिकित्सा एवं गौरक्षा अनुसंधान केन्द्र के प्रभारी श्री प्रमोद कश्यप ने बताया कि वैदिक होलिका दहन में लगभग 11 हजार गोमय कंडे, बड़ी मात्रा में गौघृत के दीप, औषधीय वनस्पतियों का उपयोग किया गया है। जिससे वायु प्रदूषण और संक्रमण दूर होगा। पूर्व वर्षों की तरह इस वर्ष भी वैदिक होलिका दहन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के जनप्रतिनिधि एवं नगरवासी शामिल हुए है।  जिसके लिए उन्होंने सभी अतिथियों एवं नागरिकों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर सर्व श्री संतोष अग्रवाल, सचिन बघेल, प्रभात गुप्ता, विष्णु लोहिया, ओमप्रकाश अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम किशुन यदु, मोटिवेटर विनोद कश्यप सहित आयोजन समिति के सदस्य सर्वश्री आनंद श्रीवास्तव, राकेश सोनी, डिलेश्वर साहू, हार्दिक कोटक, मनोज शुक्ला, किशोर साहू, घनसू साहू, धर्मेन्द्र साहू, पुरूषोत्तम देवांगन, प्रभात बैस, टीकम पटेल, मनोज कश्यप, अन्य सदस्य एवं बड़ी संख्या नागरिक उपस्थित थे।


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