राजस्थान में जैसी चुनावी हलचल है, वैसी मप्र और छत्तीसगढ़ में नहीं दिखाई देती
लगता है भाजपा को समझ में आ गया है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे को आगे किए बिना बात नहीं बनने वाली है। पहले उन्हें पार्टी में इग्नोर किया जाता रहा, लेकिन पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में वे भाजपा के सभी बड़े नेताओं की सभाओं में देखी जाती हैं। बाक़ायदा मंच पर उनका भाषण भी करवाया जाता है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की आम सभा में भी रविवार को ऐसा ही हुआ। नड्डा ने इस सभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की नई परिभाषा दी। उन्होंने कहा- यूपीए मतलब उत्पीड़न, पक्षपात और अत्याचार।
हालाँकि इस सभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी कई तरह के आरोप लगाए गए, लेकिन सीधे उन पर कोई आरोप नहीं लगाया गया। वसुंधरा राजे ने पेपर लीक मामले को लेकर गहलोत सरकार पर आरोप लगाए। कुल मिलाकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का महत्व भाजपा को समझ में आने लगा है।

वैसे भी राजनीतिक हल्क़ों में कई दिनों से यह चर्चा ज़ोरों पर है कि वसुंधरा राजे को आगे नहीं किया जाता है तो राजस्थान में भाजपा की जीत मुश्किल हो जाएगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपने भाषणों में बार- बार वसुंधरा राजे की प्रशंसा इसीलिए करते रहते हैं ताकि भाजपा उन्हें गहलोत की मददगार मानकर किनारे कर दे। गहलोत चतुर राजनेता हैं। वे जानते हैं कि उन्हें चुनावी समर में किसी से ख़तरा है तो वो एक वसुंधरा राजे ही हैं। बाक़ी सब स्थानीय भाजपा नेताओं से निबटना वे अच्छी तरह जानते हैं।
“नहीं सहेगा राजस्थान” अभियान के तहत भाजपा यहाँ विधानसभा क्षेत्र, चौपाल, ढाली और वार्ड स्तर तक धरना-प्रदर्शन करने जा रही है।
जहां राजस्थान में भाजपा गाँव- गाँव और ढाणी- ढाणी तक यह सब करने जा रही है वहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस सुप्त पड़ी है। चुनाव क़रीब होने के बावजूद कांग्रेस में यहाँ वैसी हलचल दिखाई नहीं दे रही है।
जबकि फ़िलहाल मध्यप्रदेश में कांग्रेस के चांस अच्छे दिखाई दे रहे हैं। यही नहीं, मप्र में जो हाल कांग्रेस के हैं वही हाल छत्तीसगढ़ में भाजपा के भी हैं। पिछले पाँच साल से छत्तीसगढ़ में भाजपा सोई हुई थी और अब जब चुनाव सिर पर आ खड़े हैं, तब भी वहाँ भाजपा की नींद पूरी तरह खुली नहीं है, ऐसा लगता है।
देखना यह है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों में से कौन, कहाँ बाज़ी मारता है? क्या जिस राजस्थान में हर बार सत्ता बदल जाती है वहाँ इस बार इतिहास बदलने वाला है? या मध्यप्रदेश जहां लगभग बीस साल से भाजपा सत्ता पर क़ायम है वहाँ सत्ता परिवर्तन होने वाला है? या छत्तीसगढ़ में कांग्रेस फिर से सत्ता में आने वाली है?
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