स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन सविसेस एक बड़े भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत की गई है देखिये रिपोर्ट
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन सविसेस एक बड़े भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत की गई है देखिये रिपोर्ट

सरकारी निर्माण में भ्रष्टाचार की बातें अमूमन आज के दौर में आम-सी हो गई हैं परंतु इन सब में भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेजों को निकलवाने में आम लोगों सहित खास लोगों के भी पसीने निकल जाते हैं बरहाल खबर हैं अंबिकापुर जिला सरगुजा का जहां पर 10 बिस्तरीय आइसोलेशन वार्ड भवन नर्मदापुर एवं कमलेश्वरपुर विकासखंड मैनपाट जिला सरगुजा में किया जाना प्रस्तावित था इस दौरान इस में भारी वित्तीय भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता देखा गया हैं। शिकायतकर्ता ने अपने आवेदन में यह बताया है कि उक्त निर्माण कार्य का निविदा छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड रायपुर के द्वारा निविदा आमंत्रित किया गया था जिसे यादव इंफ्रास्ट्रक्चर अंबिकापुर को दिया गया और इस निर्माणाधीन भवन की अवधि 4 माह बताई गई परंतु 15-09-2021 को निर्माण कार्य शुरू होने के बाद से अब तक यह कार्य अपूर्ण हैं परंतु इस बारे में जानकारी लेने पर पता चला कि तत्कालीन सहायक अभियंता और कार्यपालन अभियंता छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड अंबिकापुर के साथ सांठगांठ करके 18-01-2022 को नर्मदापुर 10 बिस्तरीय आइसोलेशन एवं 14-02- 2022 को कमलेश्वरपुर 10 बिस्तरीय आइसोलेशन वार्ड भवन का बिना छत ढलाई कराएं छत ढलाई का भुगतान निजी स्वार्थ के लिए ठेकेदार यादव इंफ्रास्ट्रक्चर को कर दिया गया।

इस दौरान आपको बता दें की छत ढलाई के भुगतान करने के 6 महीना हो जाने के बाद भी अब तक निर्माणाधीन भवन में छत की ढलाई नहीं की गई हैं इसके अलावा जो कुछ भी निर्माण कार्य हुआ है वह भी गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतरता गुणवत्ता ही निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों के साथ भाईचारा निभाते उक्त दोनों अधिकारियों के द्वारा निर्माण पूर्व धनराशि जारी किया गया और भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है इस दौरान आपको बता दें कि शिकायतकर्ता ने दोनों अधिकारियों पर नियम विरुद्ध शासन के खिलाफ नियमों को ताक पर रखकर पैसों का दुरुपयोग किया हैं और इनके द्वारा ऐसे कृत्य विगत 9 वर्षों से अपने निजी स्वार्थ के लिए अपने चहेते ठेकेदारों से मिलीभगत कर बिना कार्य कराए उसका भुगतान करते आ रहे हैं जबकि अच्छे कार्य करने वाले ठेकेदारों के बिल साइन करने के पूर्व नियम विरुद्ध तानाशाही पूर्वक भारी कमीशन की मांग भी करने का आरोप शिकायतकर्ता ने लगाया हैं।

इस दौरान आपको बता दें कि तत्कालीन सहायक अभियंता कृष्ण दत्त अग्निहोत्री और कार्यपालन अभियंता मृत्युंजय साहू विगत 9 वर्षों से सरगुजा संभाग में ही पदस्थ हैं और इस प्रकार की गतिविधियों में लगातार इनके नाम सामने आते रहते हैं परंतु अब तक इन पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होने पर बेलगाम अधिकारी बेईमानी का पैसा खाते अपनी भ्रष्टाचार की जड़ मजबूत कर बैठे हैं।

प्रशासन ऐसे अधिकारियों और ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही करती हैं।हमेशा की तरह इन अधिकारियों और ठेकेदारों को क्लीन चिट देकर छोड़ दिया जाता हैं या फिर कार्यवाही कर जेल भेजा जाता हैं

जे.पी.अग्रवाल की रिपोर्ट
0 Comments