अमृत सरोवर मिशन के लिए राज्यों के मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक आयोजित 

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अमृत सरोवर के प्रति जागरूकता, इसके लाभ, पर्यावरण संस्कृति, पर्यटन सहित विभिन्न आयामों के संबंध में की गई चर्चा
– पंचायत प्रतिनिधि, समूह की महिलाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं तथा जनसामान्य में सजगता लाने के संबंध में की गई चर्चा


राजनांदगांव। भारत सरकार के अमृत सरोवर मिशन 2023 अंतर्गत राज्यों के मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर कलेक्टर श्री डोमन सिंह एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार बैठक में विडियो कान्फे्रंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इस मौके पर अमृत सरोवर के निर्माण तथा पंचायत प्रतिनिधि एवं पंचायत स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति, अमृत सरोवर में जन सहभागिता सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर अमृत सरोवर के प्रचार-प्रसार, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह की महिलाओं को जोडऩे तथा जनसामान्य में अमृत सरोवर के प्रति जागरूकता लाने के लिए कहा गया। ग्राम सभा के माध्यम से अमृत सरोवर के प्रति सजगता, इसके लाभ के साथ ही पर्यावरण संस्कृति, पर्यटन सहित विभिन्न आयामों के बारे में चर्चा की गई। 


उल्लेखनीय है कि जल संरक्षण के दृष्टिकोण से प्रारंभ की गई अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत जिले में लगातार कार्य किया जा रहा है। राजनांदगांव जिले में 36 कुल स्वीकृत अमृत सरोवर है। अब तक 12 अमृत सरोवर पूर्ण कर लिए गए हैं एवं उनमें पंचायत प्रतिनिधि तथा यूजर ग्रुप का चयन पूर्ण कर लिया गया है। इन 12 पूर्ण अमृत सरोवर वृक्षारोपण के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। पंचायत प्रतिनिधि का चयन एवं पंचायत स्तरीय अधिकारी के चयन का कार्य समस्त अमृत सरोवर हेतु पूर्ण कर लिया गया। राजनांदगांव जिले के कुल 36 अमृत सरोवर में 26 जनवरी 2023 को ध्वजारोहण का कार्यक्रम किया गया। जिसमें ग्राम पंचायत के नागरिक, जनप्रतिनिधि एवं मनरेगा के समस्त मजदूर उपस्थित रहे। अमृत सरोवर के उपयोग के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई एवं ग्राम पंचायत में समय-समय पर रैली निकालकर जल जागरूकता के संबंध में प्रचार प्रसार किया जा रहा है। प्रत्येक ग्राम पंचायत जल संरक्षण में दीवार लेखन का कार्य भी किया गया। जिला राजनांदगांव के कुल 36 अमृत सरोवर नरेगा के माध्यम से निर्मित किए जा रहे हैं जिसमें से निकलने वाली मिट्टी को अमृत सरोवर के निर्माण एवं नरेगा अंतर्गत मिट्टी सड़क निर्माण के लिए उपयोग किया जा रहा है। इस अवसर पर नीति आयोग द्वारा प्रजेंटेशन के माध्यम से सुझाव दिए गए तथा जिलों में आर्थिक व्यवस्था के संबंध में चर्चा की गई। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, लघु उद्यम, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य एवं पोषण, कौशल विकास के संबंध में भी चर्चा की गई।


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