डायरिया से एक की मौत, 6 की हालत गंभीर:40 लोगों का अस्पताल में इलाज जारी, सभी को उल्टी-दस्त की शिकायत

Published by Viyarsee RJ on

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बिलासपुर में सरकंडा के चांटीडीह में डायरिया से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। मोहल्ले में उल्टी दस्त की शिकायत के बाद 40 से ज्यादा बीमार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने टीम भेजकर 52 मकानों का सर्वे कराया और पानी के सैंपल की जांच की।

शुरूआती जांच में दूषित पानी पीने से लोगो के बीमार होने की बात सामने आई है। डायरिया फैलने की खबर मिलते ही रात में शहर विधायक शैलेष पांडेय बीमार लोगों का हाल जानने अस्पताल पहुंच गए। पिछले साल शहर में डायरिया से सात लोगों की जान गई थी।

शुक्रवार को चांटीडीह इलाके में एक के बाद एक बच्चों से लेकर बड़े बीमार होने लगे और उन्होंने उल्टी-दस्त होने की शिकायत की। मोहल्ले के लोग कुछ समझ पाते उनकी हालत बिगड़ने लगी। कई लोगों को प्राइवेट तो कुछ को निजी अस्पताल ले जाया गया। इसकी जानकारी वार्ड के लोगों ने पार्षद सहित स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के अधिकारियों को दी।

इलाज के दौरान एक महिला की मौत
शाम होते तक मोहल्ले में डायरिया फैलने की खबर मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गई। सीएमएचओ डॉ. राजेश शुक्ला भी पहुंचे। मोहल्ले में तकरीबन 52 घरों में सर्वे किया और जांच के लिए पानी और भोजन का सैंपल लिया। जांच के दौरान डायरिया पीड़ित 17 से अधिक लोगों को सिम्स में भर्ती कराया गया। इससे पहले कई लोग खुद से अस्पताल पहुंच गए थे। इलाज के दौरान चांटीडीह निवासी 65 वर्षीय कमला मिश्रा पति हरि मिश्रा की सिम्स में मौत हो गई। छह मरीजों की हालत गंभीर बताई गई, जिन्हें प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।

दूषित पानी पीने से फैला डायरिया
मोहल्ले में जब एक के बाद एक कई लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत हुई, तब डायरिया फैलने की बात कही गई। वार्ड के लोगों की सूचना पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सैंपल लिया। टीम की मोहल्ले में ड्यूटी लगाई गई है। बीमार लोगों को भी इलाज के लिए तत्काल अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा गया है। मरीजों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।

केवल 52 घरों के सर्वे में मिले 22 से अधिक मरीज
सर्वे में 52 घरों में 22 से ज्यादा मरीज मिले हैं। ज्यादातर मरीज तबीयत बिगड़ने की आशंका से अस्पताल पहुंच गए हैं। यहां जांच में और भी मरीज मिलने की आशंका है। ऐसे में आज स्वास्थ्य विभाग ने यहां मरीजों की जांच के लिए कैंप लगाने के निर्देश दिए हैं।

सर्वे के साथ ही अलग-अलग जगहों से लिया जाएगा सैंपल
मोहल्ले में पाइप लाइन से सप्लाई होने वाला पानी गंदा है। सालों पुरानी पाइप लाइन में गंदगी है, जिसे बारिश से पहले दुरुस्त करना चाहिए था। कहा यह भी जा रहा है कि लोगों के घरों में गंदा पानी पहुंच रहा है। नगर निगम ने इस ओर कभी भी ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण क्षेत्र में दूषित पानी आता है। दूसरी ओर क्षेत्र में सफाई का भी अभाव है। स्वास्थ्य विभाग की टीम अब यहां सर्वे के साथ ही अलग-अलग इलाकों से पानी का सैंपल लेकर जांच कराएगी।

मरीजों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे शहर विधायक
शहर के चांटीडीह इलाके में डायरिया फैलने की जानकारी मिलते ही विधायक शैलेष पांडेय सिम्स पहुंच गए। यहां उन्होंने मरीजों से बातचीत की। इसके साथ ही अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से चर्चा कर मरीजों का बेहतर उपचार करने के निर्देश दिए। इसके बाद विधायक पांडेय ने नगर निगम आयुक्त कुणाल दुदावत से भी चर्चा की, तब उन्होंने बताया कि टीम मौके पर गई थी।

पिछले साल डायरिया से हुई थी सात लोगों की मौत
पिछले साल भी शहर के कई इलाकों में डायरिया फैला था। तालापारा, तारबाहर, टिकरापारा में डायरिया ने कहर बरपाया था। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने डायरिया से हुई मौत के आंकड़ों को छिपा दिया था। दर्जनों लोग बीमार भी हुए थे। बीमारी फैलने के बाद नींद से जागे अफसरों ने कैंप लगाया था और घरों में सर्वे कराया था। तब भी दूषित पानी से डायरिया फैलने की बात सामने आई थी।

ध्यान नहीं देने पर और क्षेत्र में भी आ सकते हैं मामले
बारिश के दिनों में डायरिया फैलता है। इस साल इस बीमारी को रोकने के लिए प्रयास किया जा रहा है। निगम के जल विभाग को निर्देशित किया गया है कि शहरी क्षेत्र में पानी का सैंपल लिया जाए और उसकी जांच की जाए। दूषित मिलने की दशा में साफ पानी की व्यवस्था की जाए, लेकिन यह काम सिर्फ कागजों में नजर आ रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में डायरिया फैलने की प्रबल आशंका है।


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