कर्मचारियों को बड़ा झटका , इलाज के लिए राज्य में भी हॉस्पिटलों की संख्या में हो गई कमी तो अब प्रदेश के बाहर केवल दो हॉस्पिटलों में मिलेगी इलाज की सुविधा…..समझे कैसे हो रहा नुकसान !
शासकीय कर्मचारियों को बड़ा झटका , इलाज के लिए राज्य में भी हॉस्पिटलों की संख्या में हो गई कमी तो अब प्रदेश के बाहर केवल दो हॉस्पिटलों में मिलेगी इलाज की सुविधा…..समझे कैसे हो रहा नुकसान !
महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता में बढ़ोतरी को लेकर शासकीय कर्मचारी हड़ताल पर हैं लेकिन इस बीच राज्य सरकार के एक आदेश से उन्हें और जबरदस्त बड़ा झटका लगने वाला है और वह आदेश है राज्य सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों के इलाज के लिए जारी की गई हॉस्पिटल की सूची , जिसमें सीधे तौर पर हॉस्पिटलों की संख्या घटा दी गई है यही नहीं प्रदेश के बाहर जो नामी-गिरामी हॉस्पिटल थे उन सब को भी सूची से बाहर कर दिया गया है। पिछले बार जहां इलाज के लिए जिन हॉस्पिटलों को प्रदेश के अंदर और राज्य के बाहर मान्यता दी गई थी इनमें से बहुत सारे हॉस्पिटलों को सूची से बाहर निकाल दिया गया है , कर्मचारी नेता का कहना है कि इससे सीधे तौर पर कर्मचारियों को नुकसान होगा ।
*इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने कहा है की*
” *शासकीय कर्मचारियों के इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा उन हॉस्पिटलों की सूची जारी की जाती है जिनमें शासकीय कर्मचारी अपना इलाज करा सकते हैं और बाद में इलाज के बाद की राशि विभाग द्वारा रेंबरसमेंट वापिस की जाती है । पिछले वर्ष तक प्रदेश के अंदर के 87 हॉस्पिटलों में शासकीय कर्मचारियों को इलाज की सुविधा प्राप्त थी जिसे घटाकर अब 73 कर दिया गया है वही छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर देश भर के 40 नामी-गिरामी हॉस्पिटल को सूची में पिछले साल रखा गया था लेकिन अब केवल नागपुर के दो हॉस्पिटलों को सूची में शामिल किया गया है इससे सीधे तौर पर शासकीय कर्मचारियों को नुकसान है क्योंकि कई बड़ी बीमारियों का इलाज दिल्ली के हॉस्पिटलों में भी कराने की जो सुविधा थी वह अब खत्म कर दी गई है* ।”
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