‘मत बंद होने दीजिए परसा कोल खदान’:30 से अधिक गांवों के लोग पहुंचे CM हाउस; बोले- 5000 युवा हो जाएंगे बेरोजगार, रुक जाएगा विकास

Published by Viyarsee RJ on

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित परसा ईस्ट कांता बासन कोयला खदान को संचालित रखने की मांग तेज होने लगी है। खदान के विरोध के बीच 30 से अधिक गांवों के ग्रामीण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव से मिलने के लिए रायपुर पहुंचे। इस दौरान सीएम हाउस में मुख्यमंत्री बघेल के नहीं मिलने पर ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया कि खदान बंद होने से 5000 युवा बेरोजगार हो जाएंगे और कई परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। इसके बाद ग्रामीणों ने डिप्टी सीएम सिंहदेव से मिलकर खदान संचालित रखने का अनुरोध किया।

दरअसल, उदयपुर ब्लॉक में स्थित परसा ईस्ट कांता बासन कोयला खदान खदान का संचालन करीब 10 सालों से किया जा रहा है। यह राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित है। अब इस खदान में उत्पादन बंद होने की कगार पर है। ऐसे में उसके नियमित संचालन का अनुरोध लेकर प्रभावित ग्राम पंचायत परसा, साल्ही, जनार्दनपुर, फतेहपुर, तारा और घाटबार्रा के 30 से अधिक ग्रामीणों का समूह करीब 300 किमी की यात्रा करके रायपुर पहुंचा। इसमें महिलाएं भी शामिल रहीं। इन सभी ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सीएम हाउस में सौंपा।

ग्रामीण बोले- खदान बंद होने से रुक जाएंगे विकास कार्य

वहीं ग्रामीणों ने डिप्टी सीएम सिंहदेव को बताया कि जमीन की अनुपलब्धता के कारण खदान में उत्पादन ठप होने की स्थिति में है। सैकड़ों कर्मचारियों और मशीनों को बाहर भेजा जाने लगा है। वे इसी खदान में नौकरी करते हैं, इसलिए उनको भी काम जाने का डर सताने लगा है। कहा कि, खदान खुलने से हमारे क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य, आजीविका उन्नयन और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के कई कार्य संचालित किए जा रहे हैं। उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में मुफ्त में पढ़ रहे है। अब खदान बंद होने से उनके गांवों और क्षेत्रों में विकास कार्य भी रुक जाएंगे।

विरोध करने वाले राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे
ग्रामीणों ने बताया की उनकी जमीन खदान को जा चुकी है। अब इनकी मंशा खदान को नियमित चलने देने की है ताकि इन सभी का रोजगार बना रहे। साथ ही हसदेव क्षेत्र में हो रहे अन्य विकास कार्य जो सीएसआर के तहत किए जाते हैं उनमें बाधा न आए। वहीं ग्रामीणों ने विरोध करने वालों पर राजनीतिक लाभ लेने की बात कही है। फिलहाल डिप्टी सीएम सिंहदेव ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है की उनकी इस समस्या का जल्द निराकरण किया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया की छत्तीसगढ़ के आला अधिकारियों के साथ ही दिल्ली तक भी इस मुद्दे पर विचार करने की पहल की जाएगी।


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