17 जुलाई से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक, बांटी-बिल्लस, खोखो-कबड्डी में दिखाएंगे दम

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2023-24 का आयोजन 17 जुलाई से शुरू होगा। प्रदेश सरकार की पहल पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने, खेलों के प्रति जागरूकता फैलाने, खिलाड़ियों को मंच प्रदान करने और खेल भावना का विकास करने के उद्देश्य से ये आयोजन किया जा रहा है। खास ये कि इस बार स्पर्धा लोकपर्व हरेली के दिन से शुरू हो रहा है। इसी दिन गांव-गांव और शहर के मोहल्लों में नारियल जीत, कबड्डी जैसे खेलों का आयोजन परंपरागत रूप से होता आ रहा है। दो माह 10 दिन तक चलने वाले खेल प्रतियोगिता छह चरणों में आयोजित होगी।
हर वर्ग की सहभागिता
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में आयुसीमा और वर्ग को लेकर किसी तरह की बाध्यता नहीं है। यानी बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक और पुरुष से लेकर महिलाएं अपने-अपने वर्ग में व्यक्तिगत और समूह आधारित खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। इसके लिए प्रतियोगिता को इन वर्गों के साथ ही दलीय और एकल श्रेणी के खेलों के रूप में भी बांटा गया है।
बढ़े दो नए खेल, अब 16 खेलों में दावेदारी
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत पिछले साल से की गई है। तब इसमें 14 पारंपरिक खेलों की स्पर्धाएं कराई गई थीं। वहीं इस बार एकल श्रेणी में रस्सीकूद और कुश्ती को भी शामिल कर लिया गया है। इस तरह इस साल कुल 16 खेलों की अलग-अलग स्पर्धाएं होंगी। इन 16 खेलों में गिल्ली-डंडा, पिठ्ठुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बांटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लंबीकूद तथा रस्सीकूद एवं कुश्ती खेल होंगे।
इनके जिम्मे होंगी प्रतियोगिताएं
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन का दायित्व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को सौंपा गया है। इसी तरह नगरीय क्षेत्रों के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को जिम्मा सौंपा गया है। इसमें ग्राम स्तर से शुरुआत करते हुए अंत में राज्य स्तरीय मुकाबले होंगे। शहरी क्षेत्रों में मोहल्ला स्तर पर प्रारंभिक दौर की स्पर्धाएं होंगी। जबकि प्रतियोगिता 17 जुलाई से शुरू होकर 27 सितंबर तक आयोजित होगी।
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