CG High Court News: कोर्ट ने प्राचार्य पद पर पदोन्नति में नियम पालन करने शासन को दिया निर्देश
प्रदेश के हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में प्राचार्य के रिक्त पदों पर पदोन्नति में न्यायालय ने छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा, शैक्षिक एवं प्रशासनिक संवर्ग भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 का सख्ती से पालन करने का राज्य शासन को निर्देश दिया है। इससे योग्य शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिल सकेगा।

शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल चांटीडीह के लेक्चरर सुनील कुमार कौशिक ने बताया कि पिछले दिनों संचालक छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचनालय ने 28 जून 2023 को पत्र जारी कर व्याख्याता ई संवर्ग से 1100, व्याख्याता एलबी संवर्ग से 600 और प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला संवर्ग से 600 शिक्षकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति के लिए प्रस्ताव मंगाया था। इसमें व्याख्याता एलबी जो विभाग में जुलाई 2018 से संविलियन किए गए हैं।
उन्हें पदोन्नति में शामिल करने की आशंका से व्याख्याता संजय तंबोली, नकुललाल देवांगन, ओपी कैवर्त समेत नौ अन्य ने न्यायालय में रिट पिटीशन दायर कर अपात्र व्याख्याता एलबी को वर्तमान पदोन्नति प्रक्रिया में शामिल नहीं करने और प्रविधान के अनुसार उनके स्थान पर रिक्त पदों पर व्याख्याता ई संवर्ग को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति दिए जाने की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि पदोन्नति नियम की अनुसूची चार के प्रविधान के अनुसार प्राचार्य पद पर पदोन्नति के लिए पांच वर्ष का सेवा अनुभव आवश्यक है। व्याख्याता एलबी एक अप्रैल 2023 की वरिष्ठता सूची के आधार पर इस शर्त को पूरा नहीं कर रहे हैं। इनके द्वारा पदोन्नति में पूर्व पद की वरिष्ठता की गणना के दावा को न्यायालय ने पहले ही खारिज कर दिया है।
इस पर जवाब देते हुए राज्य शासन की ओर से कहा गया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम का कड़ाई से पालन किया जाएगा। निर्धारित पात्रता के अंतर्गत आवश्यक पांच वर्ष की सेवा के अनुभव में किसी प्रकार से कमी नहीं की गई है। न्यायालय ने इसे स्वीकार करते हुए शासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि भर्ती एवं पदोन्नति प्रक्रिया में नियम 2019 का सख्ती से पालन किया जाए। इसके साथ ही याचिका निराकृत कर दिया गया है।
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