केलो नहर का मुआवजा वितरित करने नेतनागर में लगेगा कैंपनेतनागर के दूसरे छोर में 50 मीटर काम शेष, दो दिनों में कर लिया जाएगा पूरा 

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केलो नहर का मुआवजा वितरित करने नेतनागर में लगेगा कैंप
नेतनागर के दूसरे छोर में 50 मीटर काम शेष, दो दिनों में कर लिया जाएगा पूरा
सिंचाई विभाग तेजी से पूरा करवा रहा नहरों का काम

रायगढ़/ केलो परियोजना के तहत नहरों का निर्माण कार्य सिंचाई विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसमें भूमि अधिग्रहित किसानों को मुआवजा वितरित करने के लिए कैंप लगाया जाएगा। नेतनागर, रेंगालपाली और बड़माल के ऐसे किसान जिन्होंने मुआवजा प्राप्त नहीं किया है उन्हें राशि का वितरण किया जाएगा। इस संबंध में एसडीएम रायगढ़ श्री गगन शर्मा ने बताया कि भू-अर्जन अधिनियमों के तहत केलो परियोजना के तहत नहर निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया है। जिसकी मुआवजा राशि के चेक तैयार किए जा चुके हैं। जिसे किसानों को वितरित करने के लिए कैंप लगाया जाएगा।
        नहरों के निर्माण के संबंध में जानकारी देते हुए कार्यपालन अभियंता श्री पी.आर.फुलेकर ने बताया कि नहर का काम नेतनागर की दूसरी छोर की ओर से चल रहा है। यहां करीब 200 मीटर का काम किया जाना था। जिसमें से लगभग 50 मीटर का काम शेष बचा है। जिसे अगले दो दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि झलमला तक नहर का काम पूरा किया जा चुका है। जहां इस बार किसानों को नहर से पानी मिला है। उन्होंने बताया कि केलो बांध से नेतनागर का इलाका करीब 27 मीटर डाउन पर है, ऐसे में पानी नहीं पहुंचने जैसी कोई बात नही है। पिछले दिनों रेंगालपाली और बड़माल के किसानों ने कलेक्टर श्री सिन्हा से मुलाकात कर वहां नहरों का काम अगले खरीफ से पहले पूरा करवाने की बात रखी है। वहां भी जल्द काम पूर्ण करवाया जाएगा।
     उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि नहरों का काम दिसंबर 2023 तक पूरा करना है। 313 कि.मी.में से 248 किमी लंबाई का काम किया जा चुका है, मुख्य नहर और शाखा नहर के बाद अब वितरक और लघु नहरों का काम जारी है। उन्होंने कहा कि केलो नहरों का काम पूरा होने से रायगढ़ के 167 गांवों और सक्ती के 8 गांवों में किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इससे 22 हजार 810 हेक्टेयर का रकबा सिंचित होगा। उन्होंने बताया कि नेतनागर, रेंगालपाली और बड़माल में कार्य पूर्ण होने पर 860 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इसके साथ ही पेयजल और निस्तार के लिए पानी मिलेगा। नहरों के बनने का एक फायदा भू-जल रिचार्ज होने से भी होगा।


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